गंगा दशहरा पर ऐसे करें गंगा मैय्या की पूजा, पुण्य फल की होगी प्राप्ति!
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गंगा दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान कर मां गंगा का ध्यान करें.
अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
घर में गंगा मां की प्रतिमा स्थापित करें. यदि आपके पास प्रतिमा नहीं है, तो आप एक कलश में गंगाजल भरकर उसे गंगा मां मान सकते हैं.
स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और साफ कपड़े पहनकर मां गंगा एवं भगवान शिव की विधि-विधान से उपासना करें.
पूजा के दौरान गंगा स्तोत्र का पाठ करें और अंत में मां गंगा की आरती से पूजा संपन्न करें.
गंगा दशहरा के दिन गंगा मय्या की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन भक्त गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं.
ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी पर मां गंगा हस्त नक्षत्र, व्यतीपात योग, आनंद योग, गर करण में ही भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं.
गंगा दशहरा के दिन दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन लोग गंगा मां की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं.