शाम के समय चारों दिशाओं में दिखाएं आरती की लौ, नहीं होगी धन की कमी!
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हिन्दू धर्म में पूजा के समय आरती करने के कई नियम बताए गए हैं. अगर इनका पालन सही से किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
आरती को वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है. अब ऐसे में मंदिर में शाम की आरती के बाद आरती की लौ को चारों दिशाओं में दिखाई जाती है.
उत्तर दिशा में भगवान शिव और कुबेर देवता का वास होता है. महादेव को उत्तर दिशा अत्यंत प्रिय है. इसलिए इस दिशा में शाम के समय आरती की लौ जरूर दिखाएं.
पश्चिम दिशा शनिदेव की मानी जाती है. इसलिए इस दिशा में संध्या के समय आरती की लौ दिखाने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है.
पूर्व दिशा भगवान विष्णु की दिशा मानी जाती है. इसलिए इस दिशा में आरती की लौ दिखानी चाहिए. इससे विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है.
दक्षिण दिशा यम और पितरों का दिशा मानी जाती है. इसलिए इस दिशा में संध्या की आरती दिखाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को अकाल मृत्यु से भी छुटकारा मिलता है.
आरती करते समय ध्यान रखें कि भगवान की चरणों की ओर चार बार, नाभि की और दो बार, मुख की ओर एक बार और शरीर की सभी अंगों की ओर सात बार करनी चाहिए.